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नितिन गडकरी

नितिन गडकरी के इस आधुनिक तकनीकी मॉडल से अन्नदाता बनेगा ऊर्जादाता

नितिन गडकरी के इस आधुनिक तकनीकी मॉडल से अन्नदाता बनेगा ऊर्जादाता

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने एक आधुनिक तकनीक का प्रारूप तैयार किया है, जिसे कुछ महीनों में उसको जारी भी करने की बात कही। इस तकनीक के अंतर्गत आधुनिक उपकरणों के माध्यम से खेतों पर जाकर पराली से बायो-बिटुमन (Bio-Bitumen) निर्मित किया जाएगा। नितिन गडकरी ने सोमवार को साझा किया है कि आने वाले दो-तीन माह में एक नई तकनीक विकसित की जाएगी, जिसमें ट्रैक्टर में मशीन लगाकर खेतों की पराली का प्रयोग बायो-बिटुमन तैयार करने में होगा। गडकरी ने कहा कि किसान अन्नदाता होने के साथ, बायो-बिटुमेन बनाकर ऊर्जादाता भी बन पाएँगे, जिसका उपयोग सड़क बनाने में किया जा सकता है। इसके लिए नितिन गडकरी ने कहा कि आधुनिक तकनीक का प्रारूप तैयार किया गया है जो कि २ से ३ माह के अंतराल में लागू होगा। नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश के आदिवासी जनपद मंडला में १.२६१ करोड़ रुपये खर्च कर सड़क परियोजनाओं की आधारशिला स्थापित की। उन्होंने किसानों की परिवर्तित हो रही अहम भूमिका का जिक्र कर बताया, दीर्घकाल से वह कहते आये हैं कि देश के किसान ऊर्जा भी पैदा कर सकते हैं। हमारे किसान केवल अन्नदाता ही नहीं बल्कि ऊर्जादाता बनने का भी सामर्थ्य रखते हैं एवं अब किसान सड़क निर्माण हेतु बायो-बिटुमन एवं ईंधन बनाने के लिए इथेनॉल का उत्पादन कर ऊर्जादाता बन सकते हैं। नितिन गडकरी जी के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोलियम मंत्री ने जानकारी दी थी कि भारत ने गन्ने एवं अतिरिक्त कृषि उत्पादों से लिए गए ईंधन ग्रेड एथेनॉल (इथेनॉल; Ethanol) को पेट्रोल के साथ मिश्रित कर ४० हजार करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा बचाई है।

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मध्य प्रदेश में सोयाबीन की पैदावार में कितनी वृद्धि हुई

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूमि, जंगल एवं जल का बेहतरीन ढंग से इस्तेमाल कर विकास का नया प्रारूप तैयार करने के लिए नितिन गडकरी जी ने इसकी प्रशंसा व सराहना भी की। साथ ही, कहा कि प्रदेश में प्रति एकड़ सोयाबीन की पैदावार में बढ़ोत्तरी हुई है, एवं किसानों को उनके उत्पादन का सही भाव भी प्राप्त हुआ है। मध्य प्रदेश के ही जबलपुर में नवनिर्मित सड़क के लोकार्पण एवं ४,०५४ करोड़ रुपये की सात सड़क परियोजनाओं की आधारशिला स्थापना हेतु आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में संबोधन के दौरान गडकरी ने कहा, भारत को आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ साथ उन्नति व विकास मार्ग पर बढ़ने की अत्यंत आवश्यकता है।

मध्य प्रदेश में भारत सेतु योजना के अंतर्गत २१ पुल बनाये जायेंगे

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने लोगों से सरकारी बॉन्ड में निवेश करने का आग्रह करते हुए बताया कि निवेशकों को इस बॉन्ड में आठ प्रतिशत वापिस मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे प्राप्त राशि का उपयोग देश की उन्नति प्रगति हेतु किया जायेगा। केंद्रीय मंत्री ने भारत सेतु योजना के अनुरूप राज्य हेतु २१ पुल बनाये जायेंगे। मध्य प्रदेश में नितिन गडकरी जी ६ लाख करोड़ तक खर्च कर सड़क बनाएँगे।
नितिन गडकरी ने लॉन्च की विश्व की प्रथम इथेनॉल कार, इससे किसान भाइयों को होगा लाभ

नितिन गडकरी ने लॉन्च की विश्व की प्रथम इथेनॉल कार, इससे किसान भाइयों को होगा लाभ

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्णतय इथेनॉल से संचालित टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस कार लॉन्च की है। बतादें, कि इस कार को पूरी तरह से टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा भारत के अंदर ही निर्मित किया गया है। यह विश्व की प्रथम इलेक्ट्रीफाइड फ्लेक्स फ्यूल कार का प्रोटोटाइप है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज दिल्ली में आयोजिक एक कार्यक्रम के दौरान विश्व की प्रथम इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल कार के प्रोटोटाइप के तौर पर नई टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस को लॉन्च किया है। इस कार को पूरी तरह से टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा भारत में ही बनाया गया है। वहीं टोयोटा की इनोवा हाईक्रॉस कार 100 प्रतिशत एथेनॉल फ्यूल से चलती है। साथ ही, इथेनॉल गन्ने और अनाज से निर्मित किए जाने वाला फ्यूल है। इसे "ई100" के नाम से भी जाना जाता है।

टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस की विशेषताऐं

  • टोयोटा की इनोवा हाईक्रॉस कार 100 प्रतिशत एथेनॉल ईंधन से चलती है।
  • यह कार विश्व की पहली इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल का प्रोटोटाइप है।
  • इस कार को BS6 स्टेज-2 के नॉर्म्स के मुताबिक विकसित किया गया है।
  • यह कार 15 से 20 किलोमीटर का माइलेज आराम से प्रदान कर सकती है।
  • इसमें ओल्ड स्टार्ट सिस्टम लगाया गया है, जिससे इस कार का इंजन माइनस 15 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में भी सुगमता से कार्य कर सकता है।
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फ्लेक्स फ्यूल के बारे में जानकारी

फ्लेक्स फ्यूल एक प्रकार की तकनीक है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए से वाहनों में 20 प्रतिशत से अधिक इथेनॉल के उपयोग की सुविधा होती है। साथ ही, फ्लेक्स फ्यूल, गैसोलीन (पेट्रोल) और मेथनॉल या इथेनॉल के मिश्रण से बना एक वैकल्पिक ईंधन है। बतादें, कि यह कोई आधुनिक या नवीन तकनीक नहीं है। इस तकनीक की शुरुआत सर्व प्रथम 1990 के दशक में हुई थी। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि साल 2017 तक दुनिया की सड़कों पर तकरीबन 21 मिलियन फ्लेक्स-फ्यूल वाहन मोजूद थे।

इथेनॉल के उपयोग से प्रदूषण काफी कम होता है

इथेनॉल के उपयोग से संचालित वाहनों से प्रदूषण भी कम होता है। यह एक तरह से हरित ऊर्जा है। इससे पर्यावरण में प्रदूषण काफी कम होगा। पेट्रोल डीजल के मुकाबले में यह 20 प्रतिशत कम हाइड्रोकार्बन और कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करता है। यानी कि प्रदूषण कम करता है। यह भी पढ़ें: नितिन गडकरी के इस आधुनिक तकनीकी मॉडल से अन्नदाता बनेगा ऊर्जादाता

इथेनॉल किस तरह से तैयार किया जाता है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इथेनॉल फसलों से निर्मित किया जाता है। साथ ही, इसको चावल, मक्का और गन्ना जैसी फसलों से तैयार किया जाता है। भारत में इन फसलों का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन होता है। गन्ना और मक्के से निर्मित होने के कारण इसे अल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त सामान्य पेट्रोल के मुकाबले में इथेनॉल की कीमत भी बेहद कम है।